Monday, April 25, 2011

उन्हें हक नहीं...


हम  खुश  रहे  उन्हें  ये  भी  गवारा  नहीं ...
गिला  उनसे  भी हम क्या  करे  जब  वक्त  ही  हमारा नहीं ...

उन्हें  हक  नहीं  की  मुझसे  वो मेरे  न  जीने  की  वजह  पूछे
जब  उन्हें  मेरी  जींदगी  में  दो  पल  का  भी  रुकना  गवारा  नहीं ....

मेरे  हर  सवाल  से  वो  नजरे  कल  यु  चुरा  गए
जैसे  उनके  जवाब  में  नाम  तक  भी  हमारा  नहीं ...

हम तो खामोश बैठे थे जींदगी से दूर एक झुरमुट में ..
वो आये पास और यकी  दिला  गए ..की इस सफ़र में सच  में  हमारा अब कोई सहारा  नहीं ...

हम  किसी  के  नहीं और  कोई  हमारा  नहीं ....
 कोई हमारा नहीं.....

Sunday, April 24, 2011

उसे छूने में डर लगता है ...

वो सर से पाँव तक गुलाबो का सजल लगता है ...
या रब करीब जाकर उसे छूने  में भी डर लगता है ...

वो जो हा कहे तो हम लड़ जाये सितारों से भी ...
की संग उसके बड़ा आसान ये मुहब्बत का सफ़र लगता है.....

Wednesday, April 20, 2011

आज यु मुस्कुराने की कोशिश की हमने

आज यु मुस्कुराने की कोशिश की हमने
की जैसे चाँद को पाने की कोशिश की हमने ,

बिखर सा गया ये जहा हमारा ,
जब सपने सजाने की कोशिश की हमने 

 खुद भी रूठ गए हम खुद से .
 जबसे उनको  मनाने की कोशिश की हमने

जाने क्यों आँखों से ये बूंदे बरस पड़ी ,जब की आज दिल से मुस्कुराने  की कोशिश की हमने  ,
क्यों दिल लगाने की कोशिश  की मैंने , 
हाँ तुम्हे अपना बनाने की कोशिश की हमने

Sunday, April 10, 2011

कुछ तो कहो...

तू अम्बर मै धुल हूँ  , कुछ तो कहो...
तू रंग और मै नूर हूँ ,कुछ तो कहो ...
मिट जाए ऐसे शबाब  हूँ ,खो जाये जो वो जवाब हूँ ,
या प्यार की बंजर जमीन पर पड़ने वाली बस एक धुप हूँ
कुछ तो कहो....
तू आइना मै रूप हूँ कुछ तो कहो...