की जैसे चाँद को पाने की कोशिश की हमने ,
बिखर सा गया ये जहा हमारा ,
जब सपने सजाने की कोशिश की हमने
खुद भी रूठ गए हम खुद से .
जबसे उनको मनाने की कोशिश की हमने
जाने क्यों आँखों से ये बूंदे बरस पड़ी ,जब की आज दिल से मुस्कुराने की कोशिश की हमने ,
क्यों दिल लगाने की कोशिश की मैंने ,
हाँ तुम्हे अपना बनाने की कोशिश की हमने
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