इन फासलों की फिक्र मैं क्यों करू भला
बहुत दूर रह के भी मेरे पास है कोई
उसकी नज़रों से है बंधा मेरी सांसों का रिश्ता
यूँ की मेरी ज़िन्दगी की आस है कोई
उसके बारे में जो पुछा है तो बस इतना जान लो
बहुत खास बहुत खास बहुत खास है कोई
बहुत दूर रह के भी मेरे पास है कोई
उसकी नज़रों से है बंधा मेरी सांसों का रिश्ता
यूँ की मेरी ज़िन्दगी की आस है कोई
उसके बारे में जो पुछा है तो बस इतना जान लो
बहुत खास बहुत खास बहुत खास है कोई
कभी मिले अगर वो तुम्हे जींदगी के राहो में तो कहना
की - बिन उनके आज भी उदास है कोई ............
आज भी उदास है कोई .......
anonymus
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