हमें यु छोड़ जाओ युही की अब हमसे कोई बात न पूछो ….
जिक्र न कर बैठे हम कही फिर से उन्ही का की अब हमसे कोई बात न पूछो …
मत पूछो की कितने सितारे हमारे पहलू में है
की अभी भी है सब पे लिखा नाम उन्ही की हमसे कोई बात न पूछो ….
छोड़ जाने दो हमें अब ये सफ़र यही पर की अब मंजिल देखने की भी चाहत नहीं …..
कितना दूर अभी और सफ़र हैं , और कितने बचे दिन रात न पूछो …..
जिक्र न कर बैठे हम कही फिर से उन्ही का की अब हमसे कोई बात न पूछो …
कसूर ऐसे हुआ हमसे की हमें भी इसका पता न चला …..
अब लाकर उन्हें हमारे पास मेरे गुनाहों का हिसाब न पूछो ….
जिक्र न कर बैठे हम कही फिर से उन्ही का की अब हमसे कोई बात न पूछो …
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