Tuesday, February 8, 2011

जिंदगी मान बैठे.......


तुमसे  नज़रे  क्या  मिली  रोशनी  मान   बैठे 
इस  दिल  का  अब  क्या  करे  जो  तुम्हे  जिंदगी  मान   बैठे 

यु  लगता  है  जैसे  बरसो  हो  गए  है   मुसुकुराए 
जबसे  तुम्हे  हसी  मान  बैठे  नजरे  बिछाये  ही  रह  गए  उस रस्ते पर
जिसकी  तुम्हे  मंजील  मान  बैठे 
इस  दिल  का  अब  क्या  करे  जो  तुम्हे  जिंदगी  मान  बैठे 

खुदा  भी  रूठ  गया  हमसे  जो  तुम्हे  खुदा  मान  बैठे 
और  तेरी  ख़ुशी  के  लिए  तुम्हे  भी  खुद   से  जुदा  मान  बैठे 
तेरे  होने  को  अपनी  ख़ुशी  मान  बैठे 
इस  दिल  का  अब  क्या  करे  जो  तुम्हे  जिंदगी  मान  बैठे 


तेरी  बेरुखी  को  तेरी  अदा  मान  बैठे 
ख़ामोशी  को  भी  तेरी  ,तेरी  वफ़ा  मान  बैठे 
क्या  कहे  की  तुम्हे  क्या  मान  बैठे , समझो  तो  सारा  जहा  मान  बैठे 
तेरे  होने  को  अपनी  ख़ुशी  मान  बैठे 
इस  दिल  का  अब  क्या  करे  जो  तुम्हे  जिंदगी  मान  बैठे 

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