ग़ैर क्या जानिए क्यों मुझको बुरा कहते हैं
आप कहते हैं जो ऐसा तो सच कहा कहते हैं
वाकई तेरे इस अन्दाज को क्या कहते हैं
ना वफ़ा कहते हैं जिस को ना ज़फ़ा कहते हैं
हो जिन्हे शक, वो करें और खुदाओं की तलाश
हम तो उन्ही को अपना खुदा कहते हैं
शिकवा करें भी तो करें किस दिल से
हम खुद अपने को भी अपने से जुदा कहते हैं
लोग जो कुछ भी कहें तेरी बेरुखी को
हम तो इन बातों अच्छा ना बुरा कहते हैं
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